भँवरा फूलों पर मडराता है मधुऋतु का संदेश सुनाता है लतिका कोई इठलाती है तब याद तुम्हारी भँवरा फूलों पर मडराता है मधुऋतु का संदेश सुनाता है लतिका कोई इठलाती है ...
रात दिन दिल को सताये अब यही मंजिलें आज़म मिली बेहतर नहीं। रात दिन दिल को सताये अब यही मंजिलें आज़म मिली बेहतर नहीं।
डॉ अशोक गोयल "अशोक " डॉ अशोक गोयल "अशोक "
तो दर्द से सजी कहानी है। तो दर्द से सजी कहानी है।
ए दोस्त। क्यों रूठा है तू??? मेरी दोस्ती को आजमा के तो देख। ए दोस्त। क्यों रूठा है तू??? मेरी दोस्ती को आजमा के तो देख।
हर देश को देना होगा निर्धारित पारितोषिक, सुरक्षा परिषद को देना होगा अधिक हर देश को देना होगा निर्धारित पारितोषिक, सुरक्षा परिषद को देना होगा अधिक